भारतीय चिंतन दुनिया का पहला चिंतन था जिसमें पुरूष और नारी
की समानता को पहचान लिया था और इसीलिए अर्द्धनारीश्वर का
चिंतन सामने रखा, जिसमें ईश्वर आधा पुरूष है और आधा नारी!
किन आज हमारे साईंसदान भी यह कह पाए हैं कि बौद्धिकता के
नजरिए से, इन्टलैक्ट के पहलू से, मर्द और औरत में फर्क नहीं है!
--अमृता प्रीतम