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Thursday, 1 November 2012
ज्ञानं प्रधानं न तु कर्महीनं कर्म प्रधानं न तु बुद्धिहीनम् (भागवत 4/24/75) ज्ञान प्रधान है परंतु कर्महीन नहीं और कर्म भी प्रधान है परंतु बुद्धिहीन नहीं!
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