Saturday, 19 December 2020

श्री नितीश भूषण जी की औपन्यासिक कृति ‘लव स्वाइप ब्लैकमेल’

 


अंतर्जाल की डगर पे चलना जरा सँभल के...

 

सुप्रसिद्ध कवि कुँवर नारायण द्वारा लिखी पंक्तियाँ कहीं पढ़ी थीं-रचनात्मकता के मनोविज्ञान का समय के साथ भी एक ख़ास रिश्ता है-अपने समय के साथ, अपने से पहले समय के साथ और आने वाले समय के साथ...। वर्तमान युग डिजिटल युगहै और हम सभी जानते हैं कि आज अंतर्जाल पर एक क्लिक में ही समूचा विश्व हमारे सामने उपस्थित हो जाता है। अंतर्जाल पर आज तमाम सोशल/वेब साइट्स और एप्प उपलब्ध हैं जो हमें विश्व से जोड़ते हैं। आज हम सभी कहीं न कहीं और किसी न किसी रूप से इन सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं पर कभी-कभी यह अंतर्जाल संबंध हमारे जी का जंजाल भी बन जाते हैं-सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। वर्तमान की इसी पृष्ठभूमि पर श्री नितीश भूषण जी की एक औपन्यासिक कृति लव स्वाइप ब्लैकमेलसे आपको रू-ब-रू कराने जा रहे हैं। नितीश जी होटल प्रबंधन और मानव संसाधन प्रबंधन की उच्च शिक्षा हाँसिल कर पिछले दो दशकों से आई.टी. सर्विस इंडस्ट्री में सेवारत हैं। वर्तमान में वे गुड़गाँव  में अपने दो बच्चों, पत्नी और माता जी के साथ रहते हैं। 2017-18 में ब्लड कैंसर से संघर्ष करते हुए उनके पिता जी अंततः इस दुनिया से चल बसे। हॉस्पिटल में उनकी देखरेख में रहते हुए उन विषम पलों के बीच ही (शायद उन दु:खद खाली पलों में ख़ुद को जीवंत रखने हेतु समय का सदुपयोग करते हुए) नितीश जी ने प्रस्तुत उपन्यास का अधिकतम भाग रचित किया जो अब सद्यः प्रकाशित उपन्यास के रूप में हमारे समक्ष प्रस्तुत है। 









एक अच्छे लेखक के लिए लेखन सिर्फ़ मनोरंजन या समय पास करने का ज़रिया नहीं होता, बल्कि वो अपने लेखन के माध्यम से समाज की कुछ विसंगतियों को उजागर कर पाठक का ध्यान आकृष्ट करता है और उन्हें उसके दुष्परिणामों से अवगत कराता सचेत करने का प्रयत्न करता है। जैसा कि अंग्रेजी के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार हेनरी फील्डिंग का मानना था कि उपन्यास समाज की आलोचनात्मक व्याख्या प्रस्तुत करता है और जॉन एफ. डब्ल्यू. हर्शेल ने भी कहा था-उपन्यास को, अपने सर्वश्रेष्ठ रूप में, मैं सभ्यता के सबसे शक्तिशाली इंजिनों में से एक के रूप में मानता हूँ। शायद इसलिए नितीश जी ने अपनी बात कहने के लिए उपन्यास को अपना माध्यम चुना।

रवि, राज और भानु मित्र हैं और वो एम.एन.सी में कार्यरत आज के युवावर्ग की लाइफस्टाइल में मौज़-मस्ती करते हुए अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। एक बार जब रवि कुछ महिला मित्र बनाने की इच्छा ज़ाहिर करता है तो भानु उसे डेटिंग एप्पसके बारे में बताता है और फ़िर रवि सोफु एप्पडाउनलोड कर लेता है और उस पर सर्च और चैट शुरू हो जाती है। उसके बाद उसके पास महक नाम की किसी लड़की के सन्देश आने लगते हैं और कालान्तर में वो उससे मिलने की इच्छा ज़ाहिर करती है। रवि उससे मिलने का कारण पूछता है तो वो कुछ नहीं बताती और यह कहती है कि मिलने पर उसे सब पता चल जाएगा और उसे धमकी देती है कि अगर उसने उसका कहा नहीं माना तो वो उसकी होने वाली पत्नी वन्दना को सब कुछ बता देगी। अब वो किसी तरह महक से छुटकारा पाना चाहता है और इसी सन्दर्भ में वह अपने मित्रों के साथ विमर्श करना चाहता है और इस तरह रवि, राज और भानु की एक अर्जेंट मीटिंग (छ माह बाद भविष्य की, अध्याय-35) से इस उपन्यास का आरम्भ होता है (यानि इसके बाद कहानी काफ़ी देर तक फ़्लैश बेक में चलती है)। इस मीटिंग में काफ़ी माथापच्ची करने के बाद भानु रवि से महक के संग बातें करने को मना कर देता है और वो महक से ख़ुद अपने तरीक़े से निपट लेने की बात कहता है पर अपने प्लान का ख़ुलासा नहीं करता और फ़िर मीटिंग बर्खाश्त हो जाती है । इसके बाद भानु एक नई सिम लेता है और उससे महक के साथ रवि बनकर सम्पर्क बना लेता है और उसे पूरी तरह अपने विश्वास में ले लेता है। फ़िर दोनों एक दिन रूट्स कैफ़ेमें शाम छह बजे मिलने का प्रोग्राम तय करते हैं और यहीं पर शुरू हो जाता है भानु का गेम प्लान...क्या था ये गेम प्लान और महक से छुटकारा मिला या नहीं? अब इस सबको बेहतर जानने के लिए तो आपको यह उपन्यास स्वयं ही पढ़ना होगा। एक ग़ज़ब का थ्रिल, सस्पेंस और रोमांस भरा हुआ है इस उपन्यास में। इसमें मानवीय रिश्तों की ऊष्मा, खुशबू, सद्भाव, निष्ठा और सहयोग के मनोविज्ञान को बखूबी दिखाया गया है। तमाम स्थलों पर दृश्य जीवन्त हो उठे हैं। फ्रेंड्स इन नीड आर फ्रेंड्स इंडीडलोकोक्ति के साथ ही यहाँ एक नई पंक्ति देखने को मिलती है-फ्रेंड्स इन डीड आर द फ्रेंड फ्रेंड्स यू नीड

सरल, सरस, सहज और प्रवाहमयी भाषा में लिखा यह उपन्यास आप एक बार उठा लें तो फ़िर पूरा किए बिना नहीं रख सकते। कुल मिलाकर हम इस उपन्यास के बारे में यही कहेंगे-शिकवे-गिले हैं प्यार भी है, तकरार है तो मनुहार भी है, खोने का मलाल है दोस्ती की मिसाल है, दोस्तों का आपसी प्रेम बेजोड़ है, कथानक में ग़ज़ब का मोड़ है, सस्पेंस है रोमांस है थ्रिल है, परेशानियों में भले हों घिरे, बावज़ूद इसके सब चिल है, सच्ची प्रीत है सत्य की जीत है, हिंसा न तोड़-फोड़ है उपन्यास बेजोड़ है, ख़ूब रंग जमाएगा और सराहना पाएगा, नितीश जी को अच्छी पहचान दिलाएगा, वाह वाह क्या बात है वाह वाह क्या बात है, ऐसे ही लिखते रहो हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं...

हार्दिक बधाई और मंगलकामनाओं के साथ... 





सारिका मुकेश

(तमिलनाडु)  
19.11.2020      





पुस्तक का नाम-लव स्वाइप ब्लैकमेल (अंग्रेजी उपन्यास)

लेखक-श्री नितीश भूषण    

प्रकाशन-ब्लू रोज पब्लिशर्स, नई दिल्ली 

संस्करण-प्रथम, अप्रैल 2020

मूल्य-298/-रू, पृष्ठ-284

[अमेज़न, फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध]


2 comments:

  1. हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ नितीश जी!

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  2. सारिका जी और मुकेश जी, बहुत बहुत धन्यवाद लव स्वाइप ब्लैकमेल की इस समीक्षा के लिए। 🙏🏼🙂

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